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अमर जवान ज्योति विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया एक और  .........

अमर जवान ज्योति विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया एक और .........

अमर जवान ज्योति विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा काम कर दिया जिससे पूरे देश में हलचल मच गई। पीएम मोदी ने बताया कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस कि भव्य प्रतिमा लगने जा रही है । 23 जनवरी को नेताजी की 125 वी जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी नेताजी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे फिलहाल इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा लगाई गई है । आपको बता दें कि इंडिया गेट और नेशनल वार मेमोरियल के बीच खाली खड़ी एक छतरी के नीचे नेताजी की प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे साठ के दशक में यहां पर जॉर्ज पंचम का बुत लगाया गया था । जिसे हटाकर कोरोनेशन पार्क में भेज दिया गया था । पिछले दिनों मोदी सरकार ने एक फैसला किया था, कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब हर साल 24 जनवरी की बजाय 23 जनवरी को होगी। 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस है।
 यहां आपके लिए एक बात जानना बेहद जरूरी है, जिस पर शायद अभी तक किसी का ध्यान ही नहीं गया, लगभग 1 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में खड़े होकर एक बहुत बड़ी बात कही थी पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजाद हिंद फौज के प्रथम सरकार का प्रथम प्रधानमंत्री कह कर संबोधित किया था। उसी दिन से यह कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी कुछ बड़ा कदम उठा सकते हैं जिससे नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वह सम्मान मिल सके जिसके वह हकदार थे देश में यह चर्चा आम है कि असल माइनों में पंडित जवाहरलाल नेहरू को नहीं बल्कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस को देश का प्रथम प्रधानमंत्री होना चाहिए था लेकिन महात्मा गांधी के साथ नेताजी का वैचारिक टकराव था और बाद में गांधी और नेहरू के गठजोड़ ने नेताजी की जड़ों को कमजोर करने का कार्य किया।आपको यह भी याद दिला दें कि कुछ दिन पहले नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर यह मांग की थी , कि नोटों पर नेताजी के फोटो छपे और इंडिया गेट पर उनकी मूर्ति लगे।
 बहरहाल इस खबर में हम आपको यह बताएंगे कि यह कितना बड़ा कदम है और जो आजादी के बाद से जो कार्य नहीं हो पाया वह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक झटके में कैसे कर दिया।
नई राजधानी की घोषणा के लिए जॉर्ज पंचम नई दिल्ली आए और  उन्होंने 12 दिसंबर 1911 को एक बड़ा दरबार का आयोजन किया जिसमें देश के सभी राजा महाराजा पूरी शान शौकत के साथ हाजिर हुए उसी दरबार में जॉर्ज पंचम ने नई दिल्ली को भारत की नई राजधानी बनाने की घोषणा की थी। इंडिया गेट के पास ही एक खाली छतरी में जॉर्ज पंचम की मूर्ति स्थापित किया गया । यह मुर्ति  इंडिया गेट के आर्च  के बीच से सीधे राष्ट्रपति भवन जिसे उस समय वयासराय लाज कहते थे , उस पर नजर रखती थी। साथ ही उसकी नजर में नार्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक भी रहती थी। यानी अंग्रेजी सरकार का राजा पूरे देश के कामकाज नजर रखता था। जाहिर सी बात है कि यह सब लोगों को पसंद नहीं आया और लोगों ने जार्ज पंचम की मूर्ती को इंडिया गेट से हटवा दिया गया तब से यह छतरी खाली पड़ गयी, अब यहाँ पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया जायेगा । 
प्रधानमंत्री जी का एक ट्वीट ......

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