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क्या है ऐडनियम ? जानें......

क्या है ऐडनियम ? जानें......

 


वास्तु के अनुसार एडेनियम घर में लगाने के लिए भाग्यशाली पौधों में से एक है, मुख्यतः इसकी मोटी जड़ों के कारण जो संपन्नता को दर्शाते हैं। एडेनियम के पौधे अपने सुंदर गुलाबी या लाल फूलों के लिए जाने जाते हैं, जिनका मूल स्थान रेगिस्तान हैं, इस लिए इन्हें रेगिस्तानी गुलाब की संज्ञा दी जाती है।

 आज के पोस्ट में आप जानेंगे, बेहद ही सरल, फूल वाले पौधे एडेनियम के बारे में जिसे लगाना और इसकी देखभाल करना बहोत ही आसान है। 

 ★ अनुकूल मौसम 

 एडेनियम में मानसून के समय फूल नही आते हैं, पर जलवायु और परिस्थितियों के अनुसार ही पौधे में फूल खिलते हैं।  ऐसा माना जाता है, पौधा यदि छाया में रखा जाए तो ये नहीं खिलेंगे जो कि सत्य भी है। शुरुआती वसंत से मध्य गर्मियों तक एडेनियम के खिलने का आदर्श समय है। इसके लिए 24˙C या इससे अधिक हवा का तापमान सबसे अच्छा है। अपने मूल निवास स्थान में, एडेनियम पूर्ण सूर्य में उगते हैं इसलिए उन्हें पनपने के लिए तेज रोशनी की आवश्यकता होती है। एडेनियम का पौधा तेज सर्दियों का मौसम नहीं झेल पाता है और इस समय पौधे की पत्तियां पीली होकर गिर जाती हैं। इसी कारण से सर्दी के मौसम में एडेनियम के पौधे को घर के अंदर रख लेना उचित है। 

 ★ धूप

एडेनियम को पनपने के लिए भरपूर धूप की आवश्यकता होती है। पौधे को बाहर ऐसे स्थान पर रखें जहाँ दिन में कम से कम छह घंटे पूरी धूप और पर्याप्त रोशनी मिल सके। दिन के सबसे गर्म समय में इसे सीधी धूप में रखने से बचें। 

 ★ पानी 

 पौधा जब बढ़ रहा हों तो समय समय पर पानी दें। तेज गर्मियो में अधिक व्यास वाले गमले में उगने वाले एडेनियम को सप्ताह में कम से कम दो बार पानी देना चाहिए। वहीं छोटे गमलों में लगे पोधो को 3 से 4 बार पानी की आवश्यकता होती है। 

 ★ मिट्टी में  बीज से एडेनियम को उगाना काफी आसान है। एडेनियम एक प्रकार का रसीला किस्म का पौधा है, इसलिए इसे अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। 25% सूखी भुरभुरी मिट्टी, 25% रेत, 25% पर्लाइट या बजरी और छोटे आकार के इट पत्थर के टुकड़े, 25% सूखे हुए पत्तों कि खाद या गाय के गोबर की सुखी हुई खाद, 1 चम्मच नीम खली, 1 ग्राम फंगीसाइड पाउडर। सभी को मिला करके एडेनियम का पौधा लगाये। अगर बार बार पानी देने की आवश्यकता पड़ती है तो कुल सामग्री का 10% कोकोपीट भी मिला सकते है। एडेनियम को लगाते समय अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी के अलावा, गामले में ड्रैनेज होल का भी ध्यान रखे। किसी भी परिस्थिति में मिट्टी में अधिक पानी नहीं जमा होना चाहिए, अन्यथा जड़ सड़ जाएगी। आप पॉटिंग मिक्स में आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग अनुपात में रेत, बजरी, मिट्टी, चारकोल, कोकोपीट, पत्तियो की खाद, वर्मीक्यूलाइट, पर्लाइट, गोबर खाद आदि मिला सकते हैं।

 ★ रिपोटिंग 

 एडेनियम की सुंदरता को बढ़ाने के लिए और विकास को तेज रखने के लिए इसे हर 6 महीने में रिपोट कर देना चाहिए। इससे सुन्दर जड़ें नए आकार लेती रहती है। और मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होने से विकास भी तेज हो जाता हैं। वैसे तो आप एडेनियम को पूरे साल में कभी भी रिपोट कर सकते है पर साल में 2 ऐसे मौके होते हैं, जब इसे रिपोट करने से वर्तमान के अलावा अगले मौसम में भी पौधा अच्छी ग्रोथ करता है, जैसे सर्दियों के बाद फरवरी में और बारिश के बाद सितंबर के महीने में। 

 ★ पौधा कैसे तैयार करें एडेनियम का पौधा नर्सरी से या ऑनलाइन कही से भी मंगाया जा सकता है, या आप पौधे को बीज या कलम से भी बसंत की शुरुआत में तैयार कर सकते हैं। एडेनियम के बीजों को आप 50% रेत और 50% कोकोपीट के मिश्रण में लगा सकते हैं। गमले/सीड ट्रे/ग्रो बैग या घर पर उपलब्ध कोई भी 4 इंच तक का गहरा प्लास्टिक बॉक्स लेंले, उसमें तैयार किया गया पॉटिंग मिक्स भर लें और बीज 1 इंच की दूरी पर रख कर उनके ऊपर 1 सेंटीमीटर मोटी मिश्रण की परत बिछा दे। स्प्रे पंप की सहायता से पानी स्प्रे करें। इसके बाद ट्रे को एक पतली पॉलीथीन से ढक दें। ऐसा करने से बीज तेजी से अंकुरित होते हैं। अब बीज लगे गमले को आंशिक छाया वाली जगह पर रख दें। आप बीजों को सुबह 1 घंटे की धूप दिखा सकते हैं। अंकुरण 2 से 10 दिन में होता है। इस लिए धर्य रखें। एक महीने बाद जब सीडलिंग 1 से 2 इंच की हो जाए, तब आप उसे बड़े गमले में ट्रांसप्लांट कर दें। एडेनियम की कटिंग लगाने के लिए 6 इंच लंबी कटिंग ले कर अखबार में लपेटकर 1 से 2 दिन के लिए छाव में सूखी और गर्म जगह पर रखें। 2 दिन बाद 50-50% खाद और रेत, 1 ग्राम फंगीसाइड मिला कर कटिंग को मिश्रण में लगाये। रूटिंग के लिए शहद या एलोवेरा या दाल चीनी का पॉडर या रूटिंग हार्मोन का प्रयोग भी कर सकते हैं। पानी देकर तेज उजाले में 2 महीने तक रखे। मिट्टी सुखी दिखने पर ही 15 से 20 दिन में हल्का सा पानी दे। पत्तियो के आने पर 2 महीने बाद धूप में रखे। एडेनियम की नई किस्म तैयार करने के लिए और मिश्रित रंगो का एक नया पौधा तैयार करने के लिए ग्राफ्टिंग तकनीक का प्रयोग किया जाता है। ग्राफ्टिंग एक सरल तकनीक है जिसे किसी भी शाखा को काट कर पौधे के ऊपर समतल भाग तैयार करके ग्राफ्टिंग टेप के सहारे शाखा को बांध कर किया जाता हैं। 

 ★ छटनी कब करें एडेनियम के ग्रोइंग सीजन में उसकी टहनियां काफी बढ़ जाती हैं। इसी वजह से एडेनियम पौधे को एक सुंदर आकार में रखने के लिए, बढ़ते मौसम के ख़त्म होने के बाद कटाई-छटाई की जाती है। ठंडे मौसम जनवरी या फरवरी और नवंबर या दिसंबर में एडेनियम की प्रूनिंग की जा सकती है। जब फूल और कालिया न हो। 

 ★★विशेष★★ एडेनियम की प्रूनिंग या कटिंग लेते समय हैण्ड ग्लव्स जरूर पहने, टहनी से निकलने वाला सफेद रस जहरीला होता है। 

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